Friday, 11 January 2019

ख़्वाहिश


       कोई हमदम मिले हो मोहब्बतमुझे,
       झूठे अफशां सुनाने से क्याफायदा।

       दिल में हो इक तड़प आँखें बेचैन हो,
       बिखरे सपने सजाने से क्या फायदा ।।

       चंचल भंवरे का गुंजन न हो बाग में ,,
       फिर  कली मुस्कुराने से क्या फायदा।।

      झूमे बहती नदी पी मिलन को चले,,
      मोड़ दे रुख हवाओं का क्या फायदा ।।

      राहें मुश्किल सी  हो दूर मंजिल लगे,,
      जुगनू के चमकने से क्या फायदा।।

      हो नशा आंख में आपकी याद का ,,
      मयकदे में बहकने से क्या फायदा।।

2 comments:

  1. हो नशा आंख में आपकी याद का ,,
    मयकदे में बहकने से क्या फायदा।।
    👌👌👌

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