*प्रार्थना*
हम तो बालक है नादान,तेरी अपनी ही संतान ।
प्रभु जी कृपा करो,हम पर दया करो ।।
द्वेष, ईर्ष्या, रंग-रूप से मेरा न कोई नाता.,
प्रेम की भाषा कोमल मन को चुपके से सहलाता ।
तुम से हीरे की है खान, तेरी कृपा से बने महान,
प्रभु जी कृपा करो,हम पर दया करो।।
धरती को आकाश बना दे,पर्वत बन जाए राई ।
संत जनों ने स्वर्णिम गान से तेरी महिमा गाई ।।
तेरा भूले ना एहसान,बन जाए सच्चे इंसान ।
प्रभु जी दया करो,हम पर कृपा करो।।
मां लक्ष्मी की छाया हो, मां शारदे जैसा सुर हो ।
त्याग तपस्या गौरी जैसा ,प्रण ऐसा उर में हो।।
सदा करे तेरा गुणगान,बड़ों का करते हम सम्मान
प्रभु जी कृपा करो, हम पर दया करो।।
।।अर्चना द्विवेदी।।
फ़ोटो:साभार गूगल
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