Thursday, 3 January 2019

दोस्ती

दोस्ती की एक नई पहचान होनी चाहिए
सुख में दुख में साथ का अरमान होना चाहिए ।

इंद्रधनुष के रंग जैसे , तितलियों के पंख जैसे ,
शरद ऋतु में धूप जैसे, ग्रीष्म ऋतु की  छांव जैसे

सोच में तो बाज सी उड़ान होनी चाहिए
सुख में दुख में साथ का अरमान होना चाहिए ।

साथ सुन्दर पलक जैसा , कंठ में मृदु गान हो,
हों कन्हैया या सुदामा , होठ पर मुस्कान हो।

कैसे भी हालात हो सम्मान होना चाहिए,
सुख में दुख में साथ का अरमान होना चाहिए।

दूरियां कितनी भी हों जज्बात फिर भी कम ना हों

क्रोध , ईर्ष्या , द्वेष कितना फिर भी कोई ग़म ना हो

दोस्ती का रंग एक समान होना चाहिए
 सुख में दुख में साथ का अरमान होना चाहिए ।

अब क्या कहूँ , कैसे कहूँ यादों का दरिया बह चला
सीप से मोती की चाहत कर रहा ये मनचला

दोस्त को हर दोस्त का रहमान होना चाहिए
सुख में दुख में साथ का अरमान होना चाहिए ।।
                         ।।अर्चना द्विवेदी।।
फ़ोटो:साभार गूगल

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