शहीद दिवस की अश्रुपूरित श्रद्धांजलि...नमन उन चालीस जवानों को जिनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैं।
ओ भारत माँ के वीर सपूतों,
जो तुमने ये बलिदान दिया।
हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे,
दृढ़ निश्चय मन में ठान लिया।।
सम्पूर्ण देश है शोकाकुल,
घाटी डूबी है उदासी में..
सौगंध ये मिलकर हम ले लें,
पीछे न हटें इस आँधी में।।
उस माँ के आँचल को देखो,
जो भीग गया है ममता से।
छिन गयी बुढ़ापे की लाठी,
इस अन्तरद्वेष विषमता से।
माथे की लाली सिसक उठी...
चूड़ी की खनक भी मौन हुई।
जो शकुन की थी पहचान बनी,
वो भाग्य नहीं अपसौन हुई।।
जब तक दुश्मन की छाती पर
चल जाये न शमशीर मेरी।
अपनों को खोने का ग़म क्या,
कैसे समझेंगे पीर मेरी।।
अब उठो देश की संतानों,
सीमा पर तेरी बारी है।
चीत्कार रही भारत माता,
भीषण रण की तैयारी है।
हम जन्मभूमि के मस्तक पर,
अब विजय का तिलक लगाएंगे।
हर वीर हृदय बलिदानी को,
सम्मान से शीश झुकायेंगे।।
अर्चना द्विवेदी
फ़ोटो:साभार गूगल
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