Wednesday, 2 January 2019

बेटियां



कलियाँ उपवन में महफूज़ न हो अगर,

बागबां का गुलिस्तां उजड़ जाएगा।।

हर कली मुस्कुराये वो अवसर तो दो,
आसमाँ से फरिश्ता उतर आएगा।।

रब की रहमत बरसती रहेगी सदा,
बेटी-बेटो में अंतर न रह जायेगा।।

बेटियाँ चाँद सूरज सी चमकेंगी जब,
स्वर्ग आकर धरा पर ही बस जाएगा।।

सर पे आँचल न हो भाल सूना लगे,
माँ,बहन,बेटी किसको तू कह पायेगा।।

मां का पूजन करो बेटी इज्जत बने,
 तेरा घर देव मंदिर सा बन जाएगा।।

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