Tuesday, 8 January 2019

मिलन


कल अचानक मुझे ख्वाब में तुम मिले,
सांसें रुकने लगीं आँखें झुक सी गईं 

 तेरी बाहों में है मेरे दिल का सुकून 
तुम जुदा क्या हुये जिन्दगी छिन  गई। 


 होंठ हिलते नहीं दिल संभलता नहीं 
प्रेम की एक छुअन धड़कनें थम गईं

 अब तो आलम ये है नींद आती नहीं
 रूह में तेरी तस्वीर है बस गई।

 मैं हूँ साया तेरा दूर कैसे रहूँ 
चाँद से दूर कब चाँदनी थी हुई

ख्वाब में ही मिलें मयकदे की तरह 
होश में ना रहे गुफ्तगू हो गई

 ये बिछड़ना और मिलना खयालों में हो
रूह की आशिकी रूह से हो गई।।

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