Sunday, 14 July 2019

पिता का दर्द




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शब्द नहीं उस पिता के दर्द को लिख सकूँ...😢क्या लिखूँ उस पिता के मनोभावों को जिसके विश्वास और प्रेम   को ह्रदय के टुकड़े ने ही तोड़कर रख दिया हो।।सोचती हूँ क्या पल भर का आकर्षण वर्षों के स्नेह,त्याग,और तपस्या पर इस क़दर हावी हो जाता कि परिवार की मान मर्यादा को तोड़ने में तनिक संकोच नहीं लगता....
पढ़िए इसी संदर्भ में एक पिता के दर्द से भरी मेरी नई स्वरचित कविता

पी-पीकर अपमान घूँट के
पिता  व्यथित हो  रोया है,
घर की लज्जा, मर्यादा ने
मान , नाम सब  खोया है।

सौ-सौभाग्य प्रबल थे मेरे
जब बेटी गोद में पाया था,
माँ ने सखी,हृदय को संबल
फूला  नहीं  समाया  था ।।

पढ़े-बेटियाँ , बढ़े -बेटियाँ  
जैसे स्वप्न को पूर्ण करूँगा,
शिक्षा-दीक्षा  संस्कार   में 
किंचित पीछे नहीं हटूँगा।।

दो कुल का तटबंध बनेगी
गौरव ,मान .... बढ़ाएगी,
आदर्शों की प्रतिमा बनकर 
सदा, हँसे......मुस्कायेगी।

क्या चंद पलों का आकर्षण??
इतना   हावी  हो   जाता है,
वर्षों की प्रेम....तपस्या का
न अर्थ कोई रह जाता है????

मैं बदहवास,माँ  गुमसुम है,
लाचार हुआ घर का चिराग।
किससे कहूँ मन की व्यथा?
पसरा है  रिश्तों में  विराग।।

सर झुका मेरा सम्मान भरा 
सब अजब दृष्टि से देख रहे
पालन-पोषण,अति आजादी
पर कटुक वचन है फेंक रहें।।

हे ईश्वर!ऐसी   बेटी का अब
पिता  बनाना   मत  मुझको,
इस अनुपम स्नेह के बंधन की
अब लाज बचाना है तुझको।

क्या शब्द लिखूँ कुछ रहा नहीं
एक पिता का दर्द बताने को
बेटी हूँ मैं, अति लज्जित हूँ
कुछ रहा नहीं समझाने को।

एक  बेटी  ने ही  बेटी  के
अस्तित्व पे प्रश्न उठाया है,
परप्रेम के मोह में बन स्वार्थी
रिश्तों  का मोल  घटाया है।।

न माफ करूँगी मैं तुझको
न  ही  कोई .. समझायेगा ,
पल भर का गलत फ़ैसला ही
जीवन  भर  तुझे  रुलाएगा।

कर दिया कलंकित जननी को
बेटी पे रहा विश्वास न अब,
हर बेटी से विनती..... मेरी
कुछ लोक लाज का मान तू रख।

मत भूल भारतीय संस्कृति को
जहाँ नारी पूज्य सी प्रतिमा है,
संकोच, त्याग और शील,स्नेह
से  निखरी  सदैव  गरिमा है।।
                                  ।।अर्चना द्विवेदी।।
फ़ोटो साभार:गूगल

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पापा मैं पराई नहीं
मैं नारी हूँ


11 comments:

  1. पिता की वेदना का मार्मिक चित्रण किया है ।आप की लेखनी को सलाम करता हूँ ।

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  2. Very nice line to understand all faimly member and share more

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  3. Very nice kamta bhai bhabhi has talent plz let
    her to get a chance don't think abt samaj. No one given to you what ever you hv it is bcz of yr struggle. I hope u can understand what I am trying to tell you.

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  4. I want to see bhabhi at bigger stage

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  5. May God fulfill yours and also my desire
    Thanks alot himanshu ji

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