माँ ईश्वर का दिया अनुपम और अनमोल उपहार है।माँ की गोद मे स्वर्ग बसता है।माँ के अनुपम प्रेम को शब्दों में लिखना नामुमकिन है फिर भी मैंने अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोया है।उम्मीद है आप सबको पसन्द आएगी.....माँ को समर्पित
जिसके एहसान का मोल कोई नहीं
माँ है अनमोल माँ जैसी कोई नहीं
अपनी खुशियों को खुशियाँ समझती नहीं
आँखें पढ़ लो जुबां से वो कहती नहीं
सबके सपने सजाती है जो रात दिन,
ऐसी कोमल सी माँ सबको मिलती नहीं।।
माँ की ममता को ठुकरा के जाना नहीं
माँ के बिन जिंदगी में ठिकाना नहीं ।
देवता भी तरसते हैं जिस प्यार को,
ऐसे आँचल को ठुकरा के जाना नहीं ।
माँ की सूरत में राधा नजर आएगी,
माँ की मूरत में दुर्गा संवर आएगी।
माँ की इज्जत करो अपनी दौलत समझ,
तेरे कदमों में खुशियां बिखर जाएगी।।
माँ के बिन सारी खुशियाँ अधूरी लगे ,
हर कदम हर राह पर माँ जरूरी लगे ।
माँ की ममता का एहसास इतना सुखद ,
देवता भी मनुज रूप धरने लगे ।।
।।अर्चना द्विवेदी।।
फोटो:साभार गूगल
जिसके एहसान का मोल कोई नहीं
माँ है अनमोल माँ जैसी कोई नहीं
अपनी खुशियों को खुशियाँ समझती नहीं
आँखें पढ़ लो जुबां से वो कहती नहीं
सबके सपने सजाती है जो रात दिन,
ऐसी कोमल सी माँ सबको मिलती नहीं।।
माँ की ममता को ठुकरा के जाना नहीं
माँ के बिन जिंदगी में ठिकाना नहीं ।
देवता भी तरसते हैं जिस प्यार को,
ऐसे आँचल को ठुकरा के जाना नहीं ।
माँ की सूरत में राधा नजर आएगी,
माँ की मूरत में दुर्गा संवर आएगी।
माँ की इज्जत करो अपनी दौलत समझ,
तेरे कदमों में खुशियां बिखर जाएगी।।
माँ के बिन सारी खुशियाँ अधूरी लगे ,
हर कदम हर राह पर माँ जरूरी लगे ।
माँ की ममता का एहसास इतना सुखद ,
देवता भी मनुज रूप धरने लगे ।।
।।अर्चना द्विवेदी।।
फोटो:साभार गूगल
Very nice line
ReplyDeleteGood massage
ReplyDeleteExcellent poem
ReplyDeleteHeart touching