आसमाँ छूने की ख़्वाहिश,हो अगर जज़्बात में
चाँद देगा रोशनी ,काली अंधेरी रात में ।।
सर झुका देंगे फ़रिश्ते ,आकर तेरी दहलीज़ पर
लफ्ज़ ऐसे हों कि दिल,बिक जाए तेरी बात में।।
चन्द रिश्तों से सजा,दामन सितारों की तरह
नूर बनकर आ गए,कुछ दोस्त यूँ सौगात में।।
जाने किस उम्मीद में ,जीते रहे सब उम्र भर
हो गयी पूरी वो ख़्वाहिश,आगोश-ए-वफ़ात में।।
मत यकीं करना कभी,उस बेवफ़ा-ए-उन्स पर
छोड़ जाते हों तुम्हें,जो मुश्किल-ए-हालात में।।
सादगी की देख रौनक,आइना शरमा गया
फ़ीके लगते हुस्न भी,अब हीरे ज़ेवरात में।।
यारों ये रूह-ए-मुहब्ब्त,भी अजब सी चीज़ है
हिज़्र भी गुलशन लगे, इस रौनक-ए-हयात में।।
ये लकीरें हाथ की ,करती नहीं हर फ़ैसले
है ख़ुशी का इक ज़खीरा,मशक्कत-ए-करामात में।।
।। अर्चना द्विवेदी।।
चाँद देगा रोशनी ,काली अंधेरी रात में ।।
सर झुका देंगे फ़रिश्ते ,आकर तेरी दहलीज़ पर
लफ्ज़ ऐसे हों कि दिल,बिक जाए तेरी बात में।।
चन्द रिश्तों से सजा,दामन सितारों की तरह
नूर बनकर आ गए,कुछ दोस्त यूँ सौगात में।।
जाने किस उम्मीद में ,जीते रहे सब उम्र भर
हो गयी पूरी वो ख़्वाहिश,आगोश-ए-वफ़ात में।।
मत यकीं करना कभी,उस बेवफ़ा-ए-उन्स पर
छोड़ जाते हों तुम्हें,जो मुश्किल-ए-हालात में।।
सादगी की देख रौनक,आइना शरमा गया
फ़ीके लगते हुस्न भी,अब हीरे ज़ेवरात में।।
यारों ये रूह-ए-मुहब्ब्त,भी अजब सी चीज़ है
हिज़्र भी गुलशन लगे, इस रौनक-ए-हयात में।।
ये लकीरें हाथ की ,करती नहीं हर फ़ैसले
है ख़ुशी का इक ज़खीरा,मशक्कत-ए-करामात में।।
।। अर्चना द्विवेदी।।
उम्दा नज़्म ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
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