माँ लाल तुम्हारे जाग उठे,
सारी दुनिया ने देख लिया।
माया,ममता सब त्याग दिए,
वीरों का चोला पहन लिया।।
तेरा प्रेम बसा है नस नस में
बस कर्ज़ चुकाना बाकी है।
तेरा आँचल कोई छू न सके
ये छप्पन इंच की छाती है।।
तेरा रौद्र रूप दुश्मन देखे
हमने ये मन में ठानी है।
लोहे के चने चबवा न दूँ
तो व्यर्थ ही मेरी जवानी है।।
माँ तनिक मेरी चिन्ता न करो,
तेरा वरदहस्त मेरे सर पर है।
हम मिट जायें वसुधा के लिए
एहसान सदा तेरा मुझ पर है।।
हर व्यूह शत्रु का तोड़ेंगे,
संकल्प ये मन में हैं पाले।
हम शिवा भरत की संतानें
शावक के दंत भी गिन डालें।।
हर जन्म में तेरा लाल बनूँ,
सम्मान पे तेरे लुट जाऊँ।
तेरी दर पे शीश झुकाने का,
वरदान प्रभु से ले आऊँ।।
( अर्चना द्विवेदी)
फ़ोटो:साभार गूगल
Very nice full of emotion , encrougement,patriotism
ReplyDeleteThanks alot sir
DeleteNice & vry mch relevant for nation
ReplyDeleteThankyou very much for your appreciation s
Deleteहृदयस्पर्शी। बहुत ही सुंदर वीररस से ओत प्रोत।
ReplyDeleteहॄदय से आभार कविता को असीम प्रेम देने के लिए
Delete🙏🙏🌹🌹
ReplyDeleteहृदय से धन्यवाद अनुराधा जी
DeleteJai Hind🇮🇳
ReplyDeleteजय हिंद
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