*माँ क्या है??*
माँ प्रेम है,त्याग है,निःस्वार्थ बलिदान है
इस सृष्टि के सृजन की अमिट सी पहचान है
माँ दिन है,रात है,रोशनी का उपमान है।
दिवस में दीपावली,नवरात्रि का सम्मान है।।
माँ वाद है,संवाद है,भाषा की पहचान है।
तोतली मनुहार पर मीठी सी मुस्कान है।।
माँ इत्र है,मित्र है,संबंधों की शान है।
हर उपवन,हर पुष्प, हर देह की जान है।।
माँ आस है,विश्वास है,खुला आसमान है।
टूटे सुरों को जोड़ने की मधुमयी गान है।।
माँ शीतल है,निर्मल है,गंगा सी पावन है।
संस्कृति,संस्कार के हर गीत का गुणगान है।।
माँ अर्पण है,समर्पण है,सारे दुखों का दर्पण है।
आँचल न हो ममता का तो स्वर्ग नर्क समान है।।
माँ दीप है, नैवेद्य है,इष्ट का वरदान है।
महिमा लिखी है वेद में,ऋचा में विद्यमान है।।
माँ भजन है,कीर्तन है,गंगा सी पावन है।
अनमोल एक उपहार है जीवन का अभिमान है।।
माँ पूजा है,अर्चना है,आराध्य का प्रतिमान है।
हैं देवितुल्य माँ सभी सचमुच माँ महान है।।
अर्चना द्विवेदी
मां पर सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत खूब 👏👏👏