Saturday, 20 April 2019

लौट आओ बचपन






हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जिया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न हो ।माँ की गोद,पापा का स्नेह,भाई-बहन के साथ हुई शरारतें,सखियों की नेक झोंक सब कुछ बहुत याद आता है।ऐसे ही कुछ भूले बिसरे भावों को समेटे हुए मेरी ये नई कविता ...



फिर से आजा तू प्रिय बचपन, 
जीवन की नीरस राहों में।
फिर से जी लूँ वो मीठे पल,
ममता दुलार तेरी बाहों में।।

डगमग जब होने लगें पैर ,
गिरने से पहले थाम ले तू।
आँसू से भरे हों नयन मेरे,
गलती मेरी ,पर मान ले तू।।

मैं बोलूँ तोतली बोली जब ,
सुन सुन कर हर चेहरा चहके ।
दादी नानी के किस्से सुन ,
मेरे जीवन की बगिया महके ।।

दौडूँ भागूँ कर मनमानी,
माँ की मीठी फटकार सुनूँ।
पापा के कंधे पर घूमूँ  ,
सपनों का नया संसार चुनूँ।।

बेबात लड़ाई सखियों संग ,
गुड्डे गुड़ियों की शादी में.....।
अब ऐसे सुख को मन तरसे ,
जो मिलता उस आजादी में...।।

चाहे हो जाऊँ पचपन की,
पर साथ तुम्हारा न छूटे ।
हँस लूँ रो लूँ तेरी बाहों में,
बंधन अनमोल ये न टूटे ।।

न हृदय में कोई द्वेष पले,
मैं अपना पराया न जानूँ ।
जिन अधरों पर मुस्कान दिखे ,
उन चेहरों को अपना मानूँ ।।

दिन बीत रहे मौसम बीते...,
अनुभव ने नया आयाम छुआ।
तेरी अनुपम स्मृतियों से...,
नव ऊर्जा का संचार हुआ ।।

सुन बचपन ! तू प्रेरक मेरा ,
हर ग़लती से मैंने सीखा।
छू तेरी सुखद मधुर यादें ,
जीवन सुन्दर बन कर बीता।।

मैं हूँ पतंग.....तू डोर मेरी,
उड़ चलें संग अरमान लिए।
अनुपम संसार बसा लेंगे....,
खुशियों का सब सामान लिए।।
                            ।।अर्चना द्विवेदी ।।

फ़ोटो: साभार गूगल

7 comments:

  1. कंचन मौर्या20 April 2019 at 19:30

    बहुत प्यारी कविता मुझे अपने बचपन की याद आ गई।

    ReplyDelete
  2. कंचन जी आपका बहुत बहुत आभार

    ReplyDelete
  3. Very nise line

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर!जीवन क़ी आपाधापी में तुम्हारी कविता से सुकून के दो पल मिल जाते हैं।मासूम बचपन की याद दिलाने का शुक्रिया।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुकून के दो पल आपको मिल गए तो मेरा लेखन सफल हो गया।।
      हृदय की गहराइयों से धन्यवाद कविता को प्रेम देने के लिए

      Delete
  5. Wah

    दिन बीत रहे मौसम बीते...,
    अनुभव ने नया आयाम छुआ।
    तेरी अनुपम स्मृतियों से...,
    नव ऊर्जा का संचार हुआ ।।

    ReplyDelete