Thursday, 28 March 2019

भारत है मेरा घर



सारी खुशियों दिल में समेटे, सदा हंसाता मेरा घर ,
आंधी तूफानों को सहकर ,हमें बचाता मेरा घर ।।

भाई बहन पिता माता की ,यादों का मीठा संसार
 सारे सपने घर में पूरे , मन उड़ जाता पंख पसार
 दादी मां की सुना कहानी ,अच्छी नींद सुलाता घर //

कंकड़ पत्थर तन में भर ,मजबूत बहुत बन जाता है
प्रेम ,त्याग ,बलिदान करो ,घर सच्ची राह दिखाता है
थकन मिटाता दिन भर की ,सम्मान बढ़ाता मेरा घर।।

आवासहीन कितने बच्चे ,दर बदर भटकते रहते हैं
गर्मी में लू-धूप , ठंड में ,शीतलहर सहते रहते हैं
एक स्वप्न है आंखों में तैरता , हो पाता एक मेरा घर ।।

तेरा , मेरा , अपना , पराया , स्वार्थ भरी बातें भूलो
वसुधा को समझो कुटुम्ब,सबको अपनाकर मन छू लो
हर जन का अपना घर हो, जब समझें भारत हैं मेरा घर।।
       ।। अर्चना द्विवेदी।।
फ़ोटो:साभार गूगल

Wednesday, 20 March 2019

देखो फिर से होली आई----

आसमान है रंग-बिरंगा...,
चेहरों पर मुस्कान है छाई।
मन ये गाये गीत मिलन के,
देखो फिर से होली आई ।।

जले होलिका गाँव गाँव में,

सारे दुःख संताप हरे....।
महक उठी मीठी गुझिया से,
मधुर प्रेम उल्लास भरे...।।

रंग लगा हाथों में राधा,

ढूंढ रही फिर कान्हा को।
गालों का ये रंग गुलाबी,
भुला न दे बरसाना को।।

कहीं उड़ रही चूनर धानी,

रंग अबीर गुलाल लिए...।
शर्म लाज आँखों में लेकर,
पिया मिलन की आस लिए।।

भंग के मद में चली टोलियाँ,

बजते ढोल मजीरे आज...।
झूमे सखियाँ मिलकर सारी,
गायें गीत सुमंगल फाग...।।

अबकी होली में रंग बरसे,

प्रेम भरी पिचकारी से.....।
द्वेष का रंग न फैले जग में,
सीखो कृष्ण मुरारी से....।।
                                  ।।अर्चना द्विवेदी।।
    फ़ोटो: साभार गूगल          

Friday, 8 March 2019

मैं नारी हूँ

नारी की महिमा आज सुनो,
मैं भी एक कोमल नारी हूँ।
तन मन दोनों ही पावन हैं ,
प्रियतम को अतिशय प्यारी हूँ।

जीवन के कुछ पल ऐसे थे,
महसूस हुआ बेमोल हूँ मैं।
कुछ पथिक मिले अनजाने से,
एहसास हुआ अनमोल हूँ मैं।

उषा की पहली किरण हूँ मैं,
दुःख दूर करूँ मुस्कानों से।
हर स्वप्न करूँ पूरे सबके,
विस्तृत नभ के अरमानों से।

माँ, बेटी,बहन,संगिनी हूँ,
हैं रूप कई इस नारी के।
हर रिश्तों में नवजीवन भर,
पुष्पित हो लूँ फुलवारी में।

हूँ अबला पर कमजोर नहीं..,
माँ दुर्गा,लक्ष्मी, काली हूँ..।
एक सफ़ल पुरुष की नींव हूँ मैं,
होठों पे खिली सी लाली हूँ..।।

अन्नपूर्णा हूँ, वीरांगना हूँ...,
मैं वीर पुत्र की जननी हूँ...।
मैं शक्ति हूँ, प्रभु भक्ति हूँ...,
विष्णु की हस्त कुमुदिनी हूँ..।

निश्छल है हृदय सावित्री सा,
सीता सा पतिव्रत करती हूँ।
जीजाबाई की कोख मेरी..,
भामती का तपबल रखती हूँ।।

संकोच,लाज,और शील,स्नेह,
ये सब नारी के अलंकार...।
न समझो रमणी,भोग्या तुम ,
है विष समान इनका प्रहार ।।

बेटी दहेज से हो पीड़ित ,
आज़ादी का अधिकार नहीं।
पैरों में बेड़ियाँ हों जकड़ी ,
ये नारी को स्वीकार नहीं ।।

मेरा एक निवेदन हर नर से,
मत नारी का अपमान करो।
एक रथ के दो पहिये हैं ये..,
इस धुरी का तुम सम्मान करो.।

नारी विहीन गर हुई धरा ,
सृष्टि का अंत सुनिश्चित है ।
हर कण में सूनापन होगा ,
ईश्वर ने किया ये इंगित है।।

नर वृहद वृक्ष,नारी छाया ,
एक दूजे बिना अधूरे हैं..।
नर योग पुरुष,नारी माया,
जब साथ रहें तब पूरे हैं..।।
                          ।।अर्चना द्विवेदी।।
फ़ोटो:साभार गूगल

Sunday, 3 March 2019

कलियाँ उपवन में -बेटियाँ


कलियाँ उपवन में महफूज़ न हो अगर,
बागबां का गुलिस्तां उजड़ जाएगा।।

हर कली मुस्कुराये वो अवसर तो दो,
आसमाँ से फरिश्ता उतर आएगा।।

रब की रहमत बरसती रहेगी सदा,
बेटी-बेटो में अंतर न रह जायेगा।।

बेटियाँ चाँद सूरज सी चमकेंगी जब,
स्वर्ग आकर धरा पर ही बस जाएगा।।

सर पे आँचल न हो भाल सूना लगे,
माँ,बहन,बेटी किसको तू कह पायेगा।।

मां का पूजन करो बेटी इज्जत बने,
 तेरा घर देव मंदिर सा बन जाएगा।।
                                                  ।।अर्चना द्विवेदी।।

Saturday, 2 March 2019

हार्दिक अभिनंदन

अधरों पे बस तेरा वंदन...सुन लो वीर पुत्र अभिनंदन,

तेरे शौर्य की गाथा गाऊँ..भुला के सारे दुःख क्रंदन।।


आंखों में ललकार भरी हो..मुख पर भारत माँ की जय,

देशप्रेम से हृदय लबालब..रण में मिलती उसे विजय।।


भारत माँ ने लाल जने जो..सीना है फौलाद भरा,

दुश्मन की थी मातृभूमि ..वह पलभर को भी नहीं डरा।।


धन्य हुआ माता का आँचल..अमर सुहाग संगिनी का,

बेटे का सिर गर्व से ऊँचा.. लाज रख लिया भगिनी का।।


सुन लो देश के वीर जवानों..ऐसा ही प्रण तुम करना,

मुश्किल घड़ियाँ कैसी भी हो..संयम साथ सदा रखना।।


देश की लाज बचा ली तुमने..नाम किया रोशन जग में

होली का त्योहार मना लें...प्रेम का रंग उड़ा नभ में।।


धरा गा रही गगन झूमता..केसरिया रंग मुस्काये,

तीन रंग से सजा तिरंगा..विश्व पटल पर लहराए।।

                                                                  अर्चना द्विवेदी
फ़ोटो:साभार गूगल